इस किले को मुग़लो द्वारा बनवाया गया था जो बाद में खिंची शाशकों और फिर मल्हार राव होल्कर के अंतर्गत रहा। किला प्रांगण के अंदर 9 तोपें भी हैं। मलहरगढ़ गाँव में ही जैन तारण तरण समाज का एक विशाल मंदिर भी है। साथ ही एक हनुमान मंदिर और एक मुस्लिम संत की मज़ार भी स्तिथ है।
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