क्या आप यकीन कर सकते हैं कि गुलाम भारत में अंग्रेज सरकार को कोई भारतीय महाराजा कर्ज भी दे सकता है।
वो भी थोड़ा-बहुत नहीं पूरे एक करोड़ रुपए का। जी हां यह पूरी तरह सच है और इतिहास के पन्नों में दर्ज भी है।
इंदौर
के होलकर राजवंश के महाराजा तुकोजीराव होलकर द्वितीय ने ब्रिटिश गर्वनर को
इंदौर के आसपास रेलवे के तीन सेक्शन को जोडऩे के लिए रेलवे लाइन बिछाने के
लिए एक करोड़ रुपए का कर्ज दिया था।ब्रिटिश गर्वनर ने महाराजा तुकोजीराव होलकर द्बितीय से 1869 में एक करोड़ रुपए का कर्ज लिया था।25 मई 1870 को शिमला में वायसरॉय और गर्वनर जनरल इन कौंसिल ने इस समझौते पर मुहर लगाई थी।पूरे
जिले में रेलवे लाइन की कुल लंबाई 117.53 किमी थी। जो रेलवे के तीन सेक्शन
इंदौर-खंडवा, इंदौर-रतलाम-अजमेर और इंदौर- देवास-उज्जैन में बंटी थी।होलकरों
से कर्ज लेने के बाद अंग्रेजों ने 1869 में खंडवा-इंदौर रेलवे लाइन का
निर्माण किया। बाद में इस रेललाइन को होलकर स्टेट रेलवे कहा जाने लगा।इंदौर में टेस्टिंग के लिए पहला रेलवे इंजन हाथियों द्वारा खींचकर ट्रैक तक लाया गया था।1877 में रेलवे पूरी तरह काम करने लगी थी।
महाराजा
तुकोजीराव होलकर द्वितीय मध्य भारत के पहले ऐसे शासक थे जिन्होंने रेलवे
की स्थापना और उसके लाभ को समझते हुए दक्षिण और उत्तर भारत को जोडऩे के लिए
रेलवे ट्रैक बनाने हेतु धन मुहैया कराया।
महाराजा तुकोजीराव
होलकर द्बितीय के 42 वर्ष लंबे शासन काल में इंदौर स्टेट ने अधोसंरचना के
मामले में जबरदस्त विकास और समृद्धि हासिल की1877 में रेलवे पूरी तरह काम करने लगी थी।महाराजा
तुकोजीराव होलकर द्वितीय मध्य भारत के पहले ऐसे शासक थे जिन्होंने रेलवे
की स्थापना और उसके लाभ को समझते हुए दक्षिण और उत्तर भारत को जोडऩे के लिए
रेलवे ट्रैक बनाने हेतु धन मुहैया कराया।
महाराजा तुकोजीराव
होलकर द्बितीय के 42 वर्ष लंबे शासन काल में इंदौर स्टेट ने अधोसंरचना के
मामले में जबरदस्त विकास और समृद्धि हासिल कीमहाराजा
तुकोजीराव होलकर द्वितीय मध्य भारत के पहले ऐसे शासक थे जिन्होंने रेलवे
की स्थापना और उसके लाभ को समझते हुए दक्षिण और उत्तर भारत को जोडऩे के लिए
रेलवे ट्रैक बनाने हेतु धन मुहैया कराया।महाराजा तुकोजीराव
होलकर द्बितीय के 42 वर्ष लंबे शासन काल में इंदौर स्टेट ने अधोसंरचना के
मामले में जबरदस्त विकास और समृद्धि हासिल कीमहाराजा तुकोजीराव
होलकर द्बितीय के 42 वर्ष लंबे शासन काल में इंदौर स्टेट ने अधोसंरचना के
मामले में जबरदस्त विकास और समृद्धि हासिल की
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